बुलबुले

पानी के हम बुलबुले,
लहर बन जायँगे
सीने पर कश्ती चलायंगे

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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साज

तुम साज दो,में स्वर मिलाऊ आवाज़ दो ,संग संग आ जाऊँ लहर लहर आभास तेरा कश्ती दो तो पार हो जाऊँ तुम साज दो,में स्वर…

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