वो बचपन वाला मैदान

वो बचपन वाला मैदान आज भी मेरे इंतज़ार में
मुझसे मिलने को तरस रहा है,

अब तो बादल भी गुस्से में है मेरे यार
मेरे न होने पे वो सिर्फ गरज रहा है,
सिर्फ गरज रहा है।।

-मनीष

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

इंतजार के पल – उम्मीद की किरण संजोए इंतजार के पल हर लम्हा याद में गुजारे इंतजार के पल कभी हसाए तो कभी रुला ही डाले मुस्किल से बीतते है, ये इंतजार के पल। बेचैन कर के ही माने, इंतजार के पल सुकून को दूर भगाए ,इंतजार के पल पहेली सा मन में जगह बनाए उलझन में डाल देते , ये इंतजार के पल। विश्वास से रिश्ता बनाते,इंतजार के पल हर वक्त बस है आजमाते ,इंतजार के पल एक उम्र संग बहा ले जाए ख्वाबों का जहां बसाए ,ये इंतजार के पल।

इंतजार के पल – उम्मीद की किरण संजोए इंतजार के पल हर लम्हा याद में गुजारे इंतजार के पल कभी हसाए तो कभी रुला ही…

बरखा रानी

घिर-घिर आये मेघा लरज-लरज, घरङ-घरङ खूब गरज-गरज, प्रेम की मानो करते अरज, धरती से मिलने की है अद्भुत गरज। रेशम सी धार चमकीली, नाचती थिरकती…

Responses

+

New Report

Close