Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
गजल- सोचा न था |
गजल- सोचा न था | ठुकरा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था | दगा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था |…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
भवर
भवर मैं पहुंचा तो, सोचा मुझे आएगा कोई बचाने किनारे पर भीड़ थी लाखों की, कुछ चेहरे कुछ जाने अनजाने देखती रही दुनिया मुझको न…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
वाह
धन्यवाद
Bahut khoob
Dhanyawad apka
Dhanyawad apka
Good