दिशा

भवर मैं था ,सोचा न था
तूफ़ान भी आएगा

गिरिफ्त मैं ले मुझे
अपरिचित दिशा पहुँचाएगा

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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भवर

भवर मैं पहुंचा तो, सोचा मुझे आएगा कोई बचाने किनारे पर भीड़ थी लाखों की, कुछ चेहरे कुछ जाने अनजाने देखती रही दुनिया मुझको न…

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