स्वर मैं स्वर मिलाओ

मैं गा रहा हूं,
तुम स्वर मैं स्वर मिलाओ

मैं जा रहा हूँ ,
तुम संग संग आजाओ

जाऊंगा न छोड़ कर,
गाऊंगा न बिन तेरे

मैं भवर मैं,
तुम पतवार बनके आओ

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close