भूमी

मानव जीवन का ,सार है गीता
हम हैं अर्जुन ,कृष्ण है गीता

कर्म का सार है यह गीता
हम हों भ्रमित, तो सारथी गीता

-विनीता श्रीवास्तव (नीरजा नीर)-

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