वक़्त

वक़्त ,है ये
कभी जमीं ,
तो कभी आसमा

गम की रफ़्तार है ऐ ,
कुछ लम्हा , कारबां

बड़ा सख्त है ऐ
वक़्त है ऐ

-विनीता श्रीवास्तव (नीरजा नीर)-

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