Categories: शेर-ओ-शायरी
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दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
“शब्दों के सद्भाव”
” माँ ” ——- शब्दों के सद्भाव ^^^^^^^^^^^^^^^^^^ मानवता भी धर्म है जैसे इन्सानियत मज़हबी नाम, शब्दों के सद्भाव भुलाकर जीवन बना लिया संग्राम |…
कागज़ और कलम
जब आसपास की खट पट खामोशी में बदलती है। जब तेज़ भागती घडी की सुइंया धीरे धीरे चलती है।। दिनभर दिमाग के रास्तों पर…
तुम्हें माफ़ किया मैंने
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने बस इतना सुकून है जैसा तुमने किया वैसा नहीं किया मैंने जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने हाँ खुद से प्यार…
वाह
Thank you