Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
शायरी संग्रह भाग 3
मेरे इलाही मेरे रक़ीब को सलामत रखना। वो भी रोयेंगे मेरे मह़सर में।।1।। विकास कुमार कमति मेर रक़ीब मेरे माशुक को गुल दे दो।…
मोहब्बतें इकरार कर ना सके
मोहब्बतें -इकरार कर ना सके हम हाले दिल बयां उनको कर ना सके वो आए थे हमारे गलियों में हम दरवाजा भी उस वक्त खोल…
आँखों में…..
आँखों में मैं खुवाब लिए फिरता हू, इसलिये भी मोहोब्बत से मैं डरता हू….!! -देव कुमार
वाह
Thank you
बहुत सुन्दर
वाह बहुत सुंदर