तेरी यादों के जंगल मे….

ना मुस्कुराने का रास्ता दिखा, ना कोई दिखी बस्ती खुशहाली की….!
बस फस कर रह गया मैँ, तेरी यादों के जंगल मे….!!

-देव कुमार

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खुशहाली

अपने पन की बगिया है ,खुशहाली का द्वार जीवन भर की पूंजी है ,एक सुखी परिवार खुशहाली वह दीप है यारों ,हर कोई जलाना चाहता…

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