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Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मुक्तक
आज फिर हाँथों में जाम लिए बैठा हूँ! तेरे..दर्द का पैगाम लिए बैठा हूँ! वस्ल की निगाहों में ठहरी हैं यादें, तेरा फिर लबों पर…
मुक्तक
आज फ़िर हाथों में जाम लिए बैठा हूँ। तेरे दर्द का पैगाम लिए बैठा हूँ। वस्ल की निगाहों में ठहरी हैं यादें- आज फ़िर फुरक़त…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
Waah
वाह जी वाह