कब तक मै यूँ ख़ामोश रहूँगा
कब तक मै यूँ ख़ामोश रहूँगा,
अब मुझे तू शब्दों में बयां हो जाने दे,
कब तक मै राहों में यूँ भटकता रहूँगा,
अब मुझे तू अपनी मन्ज़िल हो जाने दे,
कब तक मैं यूँ तेरे ख़्वाबों में रहूंगा,
अब तू मुझे अपनी हकीकत हो जाने दे,
कब तक में यूँ तनहा रहूंगा,
अब तू मुझे अपनी महफ़िल हो जाने दे,
कब तक मैं यूँ टूटता पत्थर रहूंगा,
अब तू मुझे अपनी रूह हो जाने दे॥
Raaही
Very nice
Thank you
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