मॉ बोली लाठी से मारुँगी ।??

आज मेरे पास सावन की मातृ दिवस की लिंक आई ।
फिर क्या इसे देखकर मुझे भी सनक आई ।
फिर मैने भी कलम उठाई ।
और पुरी महेनत से एक कविता बनाई ।
फिर मैने मेरी कविता सबसे पहले मॉ को सुनाई ।
मॉ हल्का सा मुस्काई ।
और बोली बेटे तेरी ये कविता तो समझ ना आई।
पर तेरी ऑखो मे मेरे लिये इज्ज्त देखकर ऑखे भर आई ।
मॉ को रोता देख मेरी ऑखे भी भर आई ।
इतना देख मॉ रोना छोड अचानक गुस्से मे आई ।
और उसने अपने पास पडी लाठी उठाई।
और दोनो हाथो से मेरी ओर घुमाई।
और बोली अगर आज के बाद तेरी ऑखो मे ऑसु दिये दिखाई ।
तो इसी लाठी से लगाऊगी पिटाई ।
इतना कहकर मॉ मुस्काई ।
फिर क्या मॉ बेटे ने मिलकर रोटी खाई ।
रोटी खाने के बाद मुझे बहुत गुस्सा आई ।
कि मैने मॉ के ऊपर एक कविता तक ना बना पाई।
तभी मॉ मेरे पास आई ।
और मुझे एक बात समझायी।
कि तु क्या बडे बडे कवियो ने तक मॉ के ऊपर कविता ना लिख पाई ।
तु तो फिर भी उस रहा पर है एक नन्हा सिपाही ।
बस मॉ ने इतनी सी बात मॉ ने बताई ।
तब बात समझ मे मुझे आई ।
सच कहता हुँ यारो कि भगवान ने मॉ क्या शक्सीयत बनाई ।
फिर मैने एक बार फिर कलम उठाई ।
फिर मैने इस कहानी से कविता बनाई ।
अगर आप को ये कविता पसन्द आई ।
तो vote करे और करे reply .

हम जो है। UP से है भाई।
जो भी करते है हट के करते है भाई।
सब ने शब्दो से कविता बनाई।
और इसलिऐ तो हम ने कहानी से कविता बनाई ।
माफ कर दो यारो हम ने लिखने के बाद कविता नही थी दोह्राई
कुछ गलती थी पहले इसलिऐ एक ही दुबारा लिखने की नौबत आई ।
इसलिये माफ करदो भाई ।

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