Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
सावधान हों
“**सावधान हों”** ****** सावधान होकर रहें , विपदा- शूली राह । आतुरता करती सदा , जीवन भर गुमराह।। अजी सब सावधान हों , नहीं व्यवधान…
पहला नमन
“*पहला नमन “* *—***—** हर सुवह का पहला नमन आपको अर्पण करें। मनमीत मेरे आप खुश हों खुशियाँ पदार्पण करें । जानकी प्रसाद विवश मेरे…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मित्रता
*प्रातः अभिवादन* सुवह सुवह जो मित्रता की ना महक आये । जिंदगी व्यर्थ में , दिन -रात सी चली जाये । चंद लमहे ही सही…
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