Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कदमों की दिशा
कदमों की दिशा तूने खुद ही बनानी पड़ेगी, लोग जायें उधर लोग जायें इधर, अपनी मंजिल तुझे खुद ही चुननी पड़ेगी। अपने सपनों की सीढ़ी…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
मेरा जिक्र उनसे न करना कुमार
मेरा जिक्र उनसे न करना कुमार वो पगली हंसते हंसते रो पड़ेगी ❥ कुमार अरविन्द ( गोंडा )
नयन अश्कों से भिगोता रहा हूं मैं जिन्दगी भर
नयन अश्कों से भिगोता रहा हूं मैं जिन्दगी भर । गजल उनको ही सुनाता रहा हूं मैं जिन्दगी भर । दरख्ते उम्मीद अब है कहां…
Waah
Good