My first poem

आज सुबह मुझे एक बात याद आई,
कि मेरी परीक्षा की तिथि पास आई।
इसी बात पे मैने श्याम जी से गुहार लगाई,
तभी मुझे एक आवाज देने लगी सुनाई।
फिर क्या मैंने उन्हें अपनी बात बताई,
और कहा अगर तुने श्याम मेरी बिगडी बनाई।
तो मैं तुम को खिलाऊंगा एक डिब्बा मिठाई,
फिर हँसी कि आवाज मेरे कानो मे आई।
मैंने पुछा ऐसी कौन सी बात पर आप को इतनी हँसी आई,
तभी मुझे आवाज आई, जिसनें यह पुरी सृष्टि बनाई।
तु उस को खिलाएगा मिठाई, तब मेरे बात समझ में आई।
फिर मैंने उनसे एक बात का माँगा Reply,
बो बोले अगर तुम ने आज तक किसी की भी ना की भलाई।
तो तुम ने बेकार की इतनी है पढाई,
फिर कहीं जाकर मुझे यह बात समझ में आई।
तभी मेरे मन मैं एक संका आई,
फिर एक बार फिर उन ने मुझे बात समझायी।
कि अगर तुम ने इस जीवन मैं किसी की है भलाई,
तो समझ लो कि ये परीक्षा क्या जीवन की परीक्षा मे मेरी नही उन लोगों की दुआ तुम्हारे काम आई।
फिर क्या मैंने श्याम का नाम लेकर की पढाई,
आखिरकार मेरी महेनत रंग लाई,।
सच मे उन लोगों की दुआ मेरे काम आई,
और यह कविता लिख कर मेरी आखें भर आईं।
आज मैने अपनी पहली कविता बनाई,
अगर आप को समझ में आई।
तो आप comment मे जरुर करें reply।।।

Aman saxena
BSc 1 year
Farrukhabad

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