Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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“किसान आन्दोलन”
जो बादल सदैव ही निर्मल वर्षा करते थे निज तपकर अग्नि में तुमको ठण्डक देते थे वह आज गरजकर तुम्हें जगाने आये हैं ओ राजनीति…
आओ कवितायें करते हैं
आओ कवितायें करते हैं मीठी-मीठी, प्यारी प्यारी श्रृंगार भरी, मनुहार भरी दिल में उगते नव प्यार भरी आओ कवितायें करते हैं, रूठी – रूठी, टूटी-…
चरित्र बदलो चित्र बदल जायेगा
चरित्र बदलो चित्र बदल जायेगा ब्रह्मचर्य का पालन करो सारी सांसारिक दुःख मिट जायेगा याद उसे करो जो देता है साथ सभी का ।।1।। —————————————–…
“पृथ्वी दिवस”
पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) स्पेशल ——————————– इन दो हाथों के बीच में पृथ्वी निश्चित ही मुसकाती है पर यथार्थ में वसुंधरा यह सिसक-सिसक रह जाती…
चित्र
आँखों पर पड़ा पर्दा हटाना होगा, कुछ तो अर्थपूर्ण कर दिखाना होगा, यूँही मिलता नहीं सम्मान जगत में, कोई चित्र तो परिपूर्ण बनाना होगा।। राही…
Good
Nice