कई क़िस्से, कई बातें
कई क़िस्से, कई बातें
फिर हँसती खिलखिलाती मुलाकातें,
उन दिनों की एक-एक यादें
आज भी मेरे साथ हैं,
तू जो छोड़कर चला गया
अब क़लम ही एक विश्वास है,
तेरे इश्क़ के अनुभव लिखने पे
अंजानो में भी हम खास हैं,
तेरा जो छूटा साया
क़लम ने दुनिया से मिलवाया,
चंद शब्द लिखकर हमने
कई लोगों के दिल में जगह बनाया,
तेरे इश्क़ का अनुभव मेरे जीवन का एक प्रमाण है
”वाह” जब-जब कोई साथी कहेगा उसमे तेरा भी सम्मान है।।
-मनीष
bahut ache sir
beautiful tribute to the love poetry
Wah
Nice