भारत हो खुशहाल
न ही उठानी है तलवार
न ही उठाना है हथियार
उठानी है बस हाथ में झाड़ू
जिससे भारत हो खुशहाल
न ही थूकना दीवारों पर
न कूड़ा फेंकना इधर उधर
कूड़ेदान का उपयोग खुद करके
दूसरों को भी कहो हर बार
देख विदेश की सुंदरता को
चमक जाती है आँखे तुम्हारी
क्यों नही हाथ बढ़ाते अपना
स्वच्छ भारत के अभियान में आप
देख गन्दगी करते सब छी छी
क्यों नही सुधर सकते हम आप
फेके खुद भी कूड़ा कचरे में
दूसरों को भी टोकें आप
हर घर में शौचालय बनवाओ
और उसका उपयोग कराओ
न ही इधर उधर तुम जाओ
शौचालय को उपयोग में लाओ
जहाँ भी जाओ स्वच्छता फैलाओ
स्वच्छता संबंधित ज्ञान फैलाओ
स्वच्छ रहेंगे तंदरुस्त रहेंगे
दिल दिमाग भी स्वस्थ ही पाओ
जितना स्वच्छ भारत होगा
उतनी ही होंगी बीमारी कम
बजट भी आपका सम्भला होगा
स्वच्छ भारत के अभियान से आज
इन्हीं कुछ छोटे छोटे कर्मों से
देश को हम सब स्वच्छ बनाएं
सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्तान अपना कहलवाएं।।
बढ़िया
nice…amazing poem
वाहहहहह लाजवाब
nice poem neha..keep it up
Nice
गुड
Aap accha likh rhe hen. Badhai.
Superb
Ryt
Ryt
Nice one
Bdiya didi
Wow so nice 🙂
Waah
Nice
Nice
वाह
Nicely written
वाह
Very good