सुकून
जब न था इश्क
दर्दे-ए-दिल न था!
जब से उनसे उलझी नज़रें
बेकली सी हो गयी!!
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इब्दिता-ए-इश्क में..
उनके उठाए नाज़-ओ-खम!
अब ना जाने अपनी फ़ितरत…
बेवफा सी हो गयी!!
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चन्द लम्हे साथ था वो
फिर हो गया नज़रों से दूर!
उनके दिल से अपने दिल की
गुफ्तगू तो हो गयी!!
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वो नज़र से दूर है
पर है तो दिल के आस पास!
रूह को तसकीन है
पर दिल को मुश्किल हो गयी!!
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deovrat – 12.02.2018 (c)
amazing lines..each one is special
Thanks neha.. your comments are valuable to me
Waah
ji shukriya
वाह
Thanks ji
Nice