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Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
मुक्तक
आओ फिर से एक बार नादानी हम करें! नजरों में तिश्नगी की रवानी हम करें! जागी हुई है दिल में चाहत की गुदगुदी, आओ फिर…
मदहोश हम
मदहोशी में जीवन कारवाँ, चला जा रहा है, लड़खड़ाते कदम,ठिठक जाते कदम, दिशाहीन मन,बिना पंख, उड़े जा रहे हैं, ख्वाबो के अधीन हम, हैरान हैं,…
प्यार की दुनिया
था प्यार करने से पहले रंगीन ज़माना। प्यार करके बनाया गमगीन जमाना।। न भूख रही न हीं प्यास रहा हर पल तुम्हारा आभाश रहा अब…
फ़साना
न जाने किस-किस का हसीन आशियाना हूँ मैं, लोग कहते हैं के खुले ज़माने का फ़साना हूँ मैं, जो उखाड़ने की जद्दोजहद में हैं जड़ों…
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