धुर सुवह का प्यार मित्रो
मधुर सुवह का प्यार मित्रो ,
मधुर सुवह का प्यार ।
नहीं मित्रता से बढ़ कोई ,
है कोई उपहार ।
सदा मित्रता भाव हृदय में ,
प्रेम-सुधा बरसाते ।
रोम रोम हर्षाता , हर पल ,
दुर्लभ अपनत्व लुटाते ।
जानकी प्रसाद विवश
प्यारे मित्रो ,
सुमंगलकारी , मधुर सवेरे की
अपार प्रेम पगी ,शुभकामनाएँ ,
सपरिवारसहर्ष
स्वीकार करें ।
आपका अपना मित्र
जानकी प्रसाद विवश
Good Morning
Awesome