Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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मुक्तक
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सत्ता का खेल
कल भी वही दौर था, आज भी वही दौर है । पन्ने पलट लो, इतिहास गवाह बतौर है । तख्तो-ताज लूट गये । राजे-महराजे मिट…
ज़िन्दगी
………………….…Few lines on life …………………..…… Kabhi gam to kabhi khushiyon ki saugat hai zindagi. Kabhi dhoop to kabhi chhaon mein tahalatee ek aash hai zindagi…
Nice
धन्यवाद
LAAZAWAAB SIR
धन्यवाद
Jai ho