Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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वर्तमान ही जिंदगी है
दुखी वही है जिसका वर्तमान खोया है कल जो बीत गया कल जो आने वाला है दो कल के अदृश्य महलों में मन विचरता रहता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
अभी बाकि है!
अभी और बनना बाकि है, अभी और बिगड़ना बाकि है , जिन्दा है यहाँ कौन-कौन सबको ये साबित करना बाकि है, जीने के लिए खुद…
वर्तमान से वक्त बचा लो [पंचम भाग ]
विवाद अक्सर वहीं होता है, जहां ज्ञान नहीं अपितु अज्ञान का वास होता है। जहाँ ज्ञान की प्रत्यक्ष अनुभूति होती है, वहाँ वाद, विवाद या…
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