हँस लिया करो
https://ritusoni70ritusoni70.wordpress.com/2017/04/06
कभी यूँ हीं हँस लिया करो,
उदासी का दामन छोड़,
खुशियों से मिल भी लिया करो,
बहुत छोटी है जिन्दगी,
जीने की तमन्ना बुन भी लिया करो।
कभी यूँ हीं हँस लिया करो,
गुम-सुम रहना,
पल-पल सहेजे,
जज्बातों में बहना,
ठीक नहीं है इन हालातों में रहना ।
कभी यूँ हीं हँस लिया करो,
ख्वाबों के पंख उतार,
हकीकत की जमीन पर चल लिया करो,
माना पथरीली है जमीन,
पर राहों की दुश्वारियां ,
कुछ सीखा जायेंगी,
जीने की कला बता जायेंगी,
ख्वाबों में रहना जीना नहीं है,
जीने का मकसद कुछ भुला देना,
कुछ सीखते रहना है,
जीवन का दामन थाम,
बस चलते रहना है,
कभी यूँ हीं हँस लिया करो।।
बेजतारीं पंक्तिया
बेहतरीन पंक्तिया
Thanks for encouraging
VERY OPTIMISTIC
Thanks a lot
मस्त
Thanks a lot
वाह वाह बहुत खूब
बहुत शुक्रिया
आपकी कविता की ये सुन्दर पंक्तिया
न थी केवल मस्त,
ओर न ही थी केवल बहुत खूब।
कुछ पंक्तियो को पढकर तो ऐसा लगा
कि क्या ये सच है, या फिर एक सपना
क्योंकि पड़ते समय सच में,
मै आपकी कविता की गहराई में गया था डूब।
thanks for your sweet comment saurabh ji
Ye to mera sobhagy h ki m aapki kvita ki ghrai ko smjh paya..
Thanksss
बहुत सुंदर
Good
Thanks
Good