Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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अपनी ज़िंदगी फिर सजा ना सकूंगा। प्यार का साज फिर बजा ना सकूंगा। क्या मैं इतना मजबूर हो गया हूं, कि तुम्हें फिर बुला ना…
मुक्तक
मुझको तेरी जुदाई मार डालेगी! मुझको गमे-तन्हाई मार डालेगी! कबतलक जी पाऊँगा तन्हा इसतरह? मुझको गमे-रुसवाई मार डालेगी! मुक्तककार- #महादेव’
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Nice