Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
शेर की शादी में देखो (हास्यव्यंग)
शेर की शादी में देखो, गीदड़ बराती आए हैं, ठांट बांट सब रंग चढ़ा कर, ब्याह रचाने आए हैं, बन जाएगा कल से शेर भी…
समर्पित
हिन्द जवान मात्र जवान नहीं, ये संकट मोचक है, दुश्मनों को धूल चटाने वाली सेना है, मिटने ओर मिटाने वाली सेना है, इन्हें घेरना लोमड़ी…
घमंड इंसान को गिरा देता है
घमंड इंसान को गिरा देता है, अहंकार मौलिकता को चुरा लेता है, जो समझता है मैं ही इस जंगल का शेर हूँ उस शेर को…
अपराध क्या है?
अपराध नहीं है शेर का हिरण को खाना चिड़ियों का चुगना दाना पेड़ का कड़ी धूप में मुस्कुराना अपराध नहीं है शेर चिड़िया, पेड़ का…
वाह बहुत सुंदर रचना
Wow