Categories: शेर-ओ-शायरी
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चले आओ
मेरी मौत का तमाशा देखने चले आओ के मैं मर रहा हु मुझे देखने चले आओ कुछ तो मेरे दिल मैं भी अरमान होंगे तुम…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
इन पत्थरों में तुम
इन पत्थरों में तुम न जाने क्या ढूँढ़ते हो दुनिया में रहकर कौन सी दुनिया ढूँढ़ते हो बिक गया हर शख्स अपने ही बाजार में…
मुहब्बत की गली कूचों में क्या है
गजल : कुमार अरविन्द मुहब्बत की गली कूचों में क्या है | इधर देखो मेरी आँखों में क्या है | बड़ा ही जोर है उन…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
wah 🙂
THanks
Jai ho