Categories: शेर-ओ-शायरी
Tags: poetry with panna
Panna
Panna.....Ek Khayal...Pathraya Sa!
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मां तूं दुनिया मेरी
हरदम शिकायत तूं मुझे माना करती कहां निमकी-खोरमा छिपा के रखती कहां भाई से ही स्नेह मन में तेरे यहां रह के भी तूं रहती…
रात तूं कहां रह जाती
अकसर ये ख्याल उठते जेहन में रात तूं किधर ठहर जाती पलक बिछाए दिवस तेरे लिए तूं इतनी देर से क्यूं आती।। थक गये सब…
ज्यादा नहीं मुझे तो बस………..
ज्यादा नहीं मुझे तो बस एक सच्चा इंसान बना दे तूँ । एक बार नहीं चाहे हर बार सच में हर बार बना दे…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
देवी गीत
माँ भवानी केॅ दर्शन करय लय चलू। बेरंग जिनगी केॅ रंग सॅ भरय लय चलू।। माँ भवानी…. माँ भवानी……. लाल चोला आ चुनरी सेहो छै…
Bahut Khoob
shukriya
Good one..
shukriya
Good