कैसे भुला दूँ

कैसे भुला दूँ खाना -ए-दिल से

कैसे भुला दूँ उसकी ज़ीशान निगाहें

कैसे भुला दूँ उसकी रेशमी ज़ुल्फें

मुमकिन नही भुलाना अब उसकी यादों को

 

जब  थी करीब न किया तवज्जो उसके प्यार का

उसके जाने के बाद हुआ एहसास  उसके प्यार का

हाल -ए -दिल हुआ यूँ

की हम आईने मे खुद से नज़र मिला न सके

 

सिसकते रहे उसकी यादो में

अब कैसे भुलाएं उसकी यादों  को

जब भी उसका नाम आता है होठों में

यही दुआ करता हूँ रब से की भुला दे उसकी यादों को

 

– AMIT PRAJAPATI

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close