देशभक्तों नमन
जाँ पे खेला बचाया है तुमने वतन
ज़ुल्म सहते रहे गोली खाते रहे
बीच लाशों के तुम मुस्कुराते रहे
कतरे-कतरे से तुमने ये सींचा चमन
आज करता हूँ मैं देशभक्तों नमन
साँप बनकर जो आए थे डसने हमें
कुचला पैरों से तुमने मिटाया उन्हें
कर दिया पल में ही दुश्मनों का दमन
आज करता हूँ मैं देशभक्तों नमन
सर झुकाया नहीं सर कटाते रहे
देख बलिदान दुश्मन भी जाते रहे
माँ ने बाँधा था सर पे तुम्हारे कफ़न
आज करता हूँ मैं देशभक्तों नमन
– Udit Jindal
Nice 🙂
वाह बहुत सुंदर रचना
Hello dear how are you doing? My name is Annissa ASUMAN contact me with this e-mail address ;;(annissasum248@gmail.com;; i have something very important to tell you thanks