Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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यह पावन पर्व मुबारक हो,
भाई -बहन का प्यार भरा यह पावन पर्व मुबारक हो, खुशियों से भरा, जज्बात भरा, यह पावन पर्व मुबारक हो। सदा सम्मान रहे रिश्तों में…
अब डर सा लगता है
“अब डर सा लगता है सुबह-सुबह अखबार पकड़ने से” “न जाने कौन देश की बेटी, देश का जवान या देश का स्वाभीमान , लूट लिया…
#मां ” वो तपते तवे पे भूक जला रही थी” “मां को चार रोटी की भूक थी, पर वो एक ही खा रही थी” ~शाबीर
दुर्लभ पेड़
स्वतंत्रता दिवस काव्य पाठ प्रतियोगिता:- बहुत सारी वनस्पतियों में, बस एक ही है वो जादुई पेड़! हरा -भरा ,घना -निराला, अलग-अलग सी कलियां उसकी, खुबसूरत…
वसुधा को हरा-भरा बनाए हम
जब सांसे हो रही है कम ,आओ फिर से वृक्ष लगाएं हम, आओ नमन करे हम वसुधा, को जो मिटाती है हम सबकी क्षुधा को,…
very nice sir
Shukriya
Nice
Shukriya
true!
??