मुक्तक

मेरा ख्याल तुमको यादों से चुन लेता है!
तेरी ख्वाहिशों से ख्वाबों को बुन लेता है!
दूरियाँ मिट जाती हैं इरादों से इसतरह,
धड़कनों में तेरी आहट को सुन लेता है!

मुक्तककार – #महादेव

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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

ग़ज़ल

ग़ज़ल ——- दूरियां ,नज़दीकियां, खुशफहमियां तेरे साथ में, हम मिले ना थे कभी पर बह गए जज्बात में। 1. मौसमै अंदाज था कुछ खास था…

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