Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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वंदेमातरम् गाता हूँ
नारों में गाते रहने से कोई राष्ट्रवादी नहीं बन सकता। आजादी आजादी चिल्लाने से कोई गांधी नहीं बन सकता। भगत सिंह बनना है तो तुमको…
मैं ऐसा होता काश…..
सोचता हूं, मैं पानी होता काश, तुम्हारे प्यासे होठों की बुझाता प्यास। सोचता हूं, मैं हवा होता काश, हर पल अपने स्पर्श का दिलाता एहसास।…
मैं छत्तीसगढ़ बोल रहा हूँ
मै चंदुलाल का तन हूँ। मैं खुब चंद का मन हूँ। मैं गुरु घांसी का धर्मक्षेत्र हूँ। मैं मिनी माता का कर्म क्षेत्र हूँ।। मैं…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
कर्म
मे शुन्य हूँ, मैं अनन्त का सोचता हूँ। आज भले ही जमीन पर हूँ, आसमान मे उड़ने का सोचता हूँ। कोरा कागज हूँ मैं पर…
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