मूर्खो का मुर्ख दिवस है आज
मुर्ख बना मूर्खो को हो रहा नाज
देखो मूर्खो का मुर्ख दिवस है आज ||
मूर्खो पर तुम भी थोड़ा हंस दो भाई
मुर्ख हो दूसरों को मुर्ख बनने में लगे है
भारतीय है पर पश्चिमी त्यौहार बनाने में लगे है
ख़ुशी से अपना ही मखौल उड़ाने में लगे है
ऐसे नादान है कुछ मुर्ख भारतीय भाई ||
आओ आज भुत में चलते है…
इतिहास के पन्ने पलटते है…
पॉप ग्रेगरी नामक व्यक्ति था नकलची
जिसने भारतीय पंचांग से पश्चिमी पंचांग बनाया था ||
प्रथम अप्रैल को ठुकरा
प्रथम जनवरी को नया साल बनाया था ||
विश्व में नए पंचांग का चलन बढ़ने लगा
जिसे प्रथम फ्रांस देश ने अपनाया था ||
भारतीय थे वास्तविक पंचांग के रचनाकार
हमने “विक्रम सवंत” को ना ठुकराया था ||
अप्रैल में नए साल का त्यौहार बनाया
विदेशियों ने इसका मखौल बनाया था ||
हमको मुर्ख बतलाने के लिए ,
मुर्ख दिवस बनाया था ||
वक्त बदला, पंचांग बदला,
बदला सारा दौर ||
गूंगी पङवा को मुर्ख दिवस बना रहे ,
अपना ही मजाक उड़ा रहे,
ऐसे भोले व मुर्ख भारतीय लोग ||
पश्चिमी सभ्यता में समझते जो नाज
उन मूर्खो का मूर्ख दिवस है आज ||
~सचिन सनसनवाल
bahut ache dost
🙂
बहुत बढ़िया