Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Antariksha
Hi Everyone,
I am from Kolkata.Land of culture and heritage.These are my creations.Please post your comment if you like it
Related Articles
हिन्दी गीत- सुना घर परिवार बिना |
हिन्दी गीत- सुना घर परिवार बिना | प्रिया प्रिय बिना देह हिय बिना | नीर क्षीर बिना भोजन खीर बिना | उत्सव उदास उपहार बिना…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
तनहा
इश्क़ में हैं गुज़रे हम तेरे शहर से तनहा, महब्बत के उजड़े हुए घर से तनहा! हम वो हैं जो जीये जिंदगी भर से तनहा,…
क्या कभी किसी को देखा है ?
क्या कभी किसी को देखा है ? दर्द से छटपटाते हुए। क्या कभी सुना है तुमने किसी को चुप-चाप चिल्लाते हुए। कठिन बड़ा है उस…
तनहा-तनहा सा है, बिखरा-बिखरा सा
ये गुलाब थोड़ा तनहा-तनहा सा है ये गुलाब थोड़ा बिखरा-बिखरा सा है छूटा है ये शायद किसी के हाथों से ये गुलाब थोड़ा सहमा-सहमा…
bahaut achi kavita
nice khwaish!
Thanks a lot to you,you are my inspiration
nice poem
Thanks
https://soundcloud.com/antariksha-saha/dil-ke-khwaish
Good
Thanks
Very nice, waah