दिल के ख्वाइश

दिल  के  ख्वाइशों  को  कौन सम्जा कौन  जाना , तुझ  बिन  था  तनहा  यह  दिल  मेरा , तुझ   बिन  था  सुना  यह  दिल  मेरा , तेरे  बिना  यह  दिल  तरसा , बिलकुल  तनहा ,   दील  के  ख्वाइशों  को  कौन  सम्जा  कौन  जाना

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इश्क़ में हैं गुज़रे हम तेरे शहर से तनहा, महब्बत के उजड़े हुए घर से तनहा! हम वो हैं जो जीये जिंदगी भर से तनहा,…

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