Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मोर रंग दे बसंती चोला, दाई रंग दे बसंती चोला
ये माटी के खातिर होगे, वीर नारायण बलिदानी जी। ये माटी के खातिर मिट गे , गुर बालक दास ज्ञानी जी॥ आज उही माटी ह…
अद्भुत है संसार
अद्भुत दुनिया की रीत है अद्भुत है संसार अद्भुत रिश्ते नाते हैं अद्भुत नदी की धार अद्भुत सुंदर पुष्प है अद्भुत पर्वत श्रृंखला अद्भुत धरती…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
सुंदर से इक फूल ने ….!
सुंदर से इक फूल ने ….! कल जैसा था वह आज नहीं, कल कैसा होगा पता नहीं, है आज अलग इन दोनों से, हर दिन…
लेख:- ब्राण्डेड बुखार
लेख:- ‘ब्राण्डेड बुखार’ आजकल हर व्यक्ति अपने निजी काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करने मे विश्वास रखता है। सबसे ज्यादा ध्यान तो इस…
Nice
Nice
Very good
धन्यवाद सर