सावन

अम्बर बरसे धरती भींगे
नाचे श्रष्टि सारी
सावन की बरखा प्यारी

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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बरखा

बरखा जरा प्यार बरसा दे कब से प्यासा अंतर है तू प्यास बुझा दे बरखा जरा प्यार बरसा दे बरस बरस बरखा मेरी कितने तुमको…

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