Categories: शेर-ओ-शायरी
Tags: kavita, poetry with panna
Panna
Panna.....Ek Khayal...Pathraya Sa!
Related Articles
यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
तेरी कश्ती मेरी कश्ती
तेरी कश्ती मेरी कश्ती बस इतनी सी तो रवानी है हर ज़िन्दगी की कहानी है सब कागज की कश्ती है और ख़ुद को पार…
मृगतृष्णा
रेत सी है अपनी ज़िन्दगी रेगिस्तान है ये दुनिया, रेत सी ढलती मचलती ज़िन्दगी कभी कुछ पैरों के निशान बनाती और फिर उसे स्वयं ही…
रात अँधेरा ख़ामोशी तन्हाई,अश्क़ मिला
रात अँधेरा ख़ामोशी तन्हाई,अश्क़ मिला। यादें वक़्त पल तस्वीरें बातें,अश्क़ मिला। , जिंदगी झूठ क्या वादें क्या क़समे इरादें। मौत सच तन्हाई सच आँखें,अश्क़ मिला।…
मेरी अधूरी प्रेम कहानी
हजारों वजह है तेरे पास मुझसे दूर जाने की , एक वजह मुझे भी दे दो अपने पास आने की ! वादा है मेरा की…
what a imagination!
thanks mohit
Bahut Khoob
Nice