“शिकायत” #2Liner-67

ღღ__बहुत खामोश रहते हो, तुम भी आज-कल “साहब”‘;
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ख़ुदा से है शिकायत या, खुदी से नाराज़ रहते हो !!…..‪#‎अक्स‬
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