वो समुन्दर भी बहुत रोता है

वो समुन्दर भी बहुत रोता है

समझ गया एक दिन समुन्दर,तू भी कितना रोता है,
खारा है तू खुद में कितना ,
शायद इंसान से ज्यादा तू दिल ही दिल रोता है,

पाया क्या तूने जो खोया होगा,
की तू खुद में इतना खोता है,
समझ गया एक दिन की समुन्दर तू भी बहुत रोता है,

मन में न दर्द रखता दिल में न द्वेश ,
क्यों हर मायूस-हारा इंसान तेरे पास किनारे होता है,
अकेला महसूस किया जब किसी ने,
तो मिटटी या पत्थर पर सोता है,
लेकिन समुन्दर वो अकेला कहा, वो तो तेरे पास होता है ,

जब किनारे ले मेहबूब कोई अपनी होता है,
हाथ में हाथ लिए साथ, कही कोई सपने जोता है,
ऐ समुन्दर तू भी देख उन्हें बहुत कही रोता है,

दिल पे न लेना कोई अपने ,बिन बोले भी कोई रोता है,
देख कभी समुन्दर की लेहरे समझ लेना ,की समुन्दर भी बहुत रोता है,
वो समुन्दर भी बहुत रोता है ।

NISHIT LODHA

kavishayari.blogspot.in

 

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

जागो जनता जनार्दन

http://pravaaah.blogspot.in/2016/11/blog-post_75.htmlसमाज आज एक छल तंत्र की ओर बढ़ रहा है प्रजातंत्र खत्म हुआ। अराजकता बढ़ रही, बुद्धिजीवी मौन है या चर्चारत हे कृष्ण फिर से…

Responses

+

New Report

Close