विषाक्त है आज परिवेश देख।

✍?(गीताज) ?✍
———$——

विषाक्त है आज परिवेश देख।
आक्रोश मे सुप्त आवेश देख।।
कण कण मे है गुस्सा
आलम मे नव क्रोध है
धरती कुम्हला रही
क्षण मे चढा अवरोध है
पल बना है द्रोही खाके ठेस देख।
विषाक्त है आज परिवेश देख ।।
नजारो मे अहम तीव्र
बचनो मे झूठ फरेब
चापलूसी चलन मे तेज
रौब मे अकड ऐठ ऐब
दिखावा काढ़े बैठा है भेष देख ।
विषाक्त है आज परिवेश देख ।।
मानवता है पीड़ित
इंसानियत है दुखी
मानव है आज वेबश
वासना है भयावह भूखी
रौद्र मे रोष की भावना शेष देख ।
विषाक्त है आज परिवेश देख ।।

श्याम दास महंत
घरघोडा
जिला-रायगढ(छग)
✍??????✍
(दिनांक -13-04-2018)

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

कोरोनवायरस -२०१९” -२

कोरोनवायरस -२०१९” -२ —————————- कोरोनावायरस एक संक्रामक बीमारी है| इसके इलाज की खोज में अभी संपूर्ण देश के वैज्ञानिक खोज में लगे हैं | बीमारी…

Responses

+

New Report

Close