Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
है चाह मिलूं उससे जो अक्सर
गजल है चाह मिलूं उससे जो अक्सर नहीं मिलता | दीवार घरों में है मगर घर नहीं मिलता | ये आप भी देखें है कि…
शायरी संग्रह भाग 3
मेरे इलाही मेरे रक़ीब को सलामत रखना। वो भी रोयेंगे मेरे मह़सर में।।1।। विकास कुमार कमति मेर रक़ीब मेरे माशुक को गुल दे दो।…
फ़ैशन
फ़ैशन की चरम तो देखो। लोगों की भरम तो देखो। कांच की अलमारी में बंद, ऊँची कीमत बढ़ा रही शान। तार-तार सा हुआ चिथड़ा, टंगा…
क्या बात है
nice
Wah
Good