मैं वो नहीं

मैं वो नहीं जो पास रहकर तुझे हँसाउगा
मैं तो वो हूँ जो रहू या ना रहू लैकिन
तेरी मुस्कुराहट की वजह कहलाऊँगा !
मैं वो नहीं जो उजालो मैं तेरा साया कहलाऊंगा
मैं तो वो धुल हूँ जो अंधेरे से घबराकर तेरे माथे से
टपके पसीने के सहारे तेरे पैरो से लिपट जाऊँगा !
मैं वो नहीं जो याद आकर तेरी आँखों से छलक जाऊँगा
मैं तो वो हूँ जो ख्यालो की जमी पर उग कर
तेरी जिंदगी को खुशहाल कर जाऊँगा !
मैं वो नहीं जो रीती – रिवाजो की आड़ मैं तुझसे जुदा कर दिया जाऊँगा
मैं तो वो हूं जो हर रीती की शूरुआत बन जाऊँगा !
तु मुझे अपना तो एक बार
मैं तेरा ख्वाब हूं आज , कल हक़ीकत बन जाऊँगा !

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