मैं कुछ बोल नहीं सकता

मैं कुछ बोल नहीं सकता ;
…. …………….तुम्हारा दिया हुआ जख्म;
किसी के समाने खोल नही सकता।
जब बहती पुरबा हवा बहुत दर्द होती;
पर मै रो नही सकता ।
क्योंकि आँसु को बनाए है दुल्हन ;
मै कैसे खो सकता; ( रो सकता)
ए पुरबा हवा—-
थोड़ी अपनी रुख बदल जा पश्चिम की ओर ;
. मेरी दर्द की दास्ताँ सुना उसे जाके
कही फितरत बदल जाय।
मैं रो नही सकता खो नही सकता।
आँसु को बनाए है दुल्हन मैं रो नही सकता।।

ज्योति
mob 9123155481

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close