Categories: Other
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
Related Articles
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
मुक्तक
तेरी यादों की तन्हाई से डर जाता हूँ! तेरी चाहत की परछाई से डर जाता हूँ! टूट गये हैं ख्वाब सभी तेरी रुसवाई से, तेरी…
न सवाल हुआ , न जवाब ही हमारी तन्हाई में
न सवाल हुआ , न जवाब ही हमारी तन्हाई में । आंखों ही आंखों से बात हुई हमारी तन्हाई में । खामोशी को इकरार समझने…
मुक्तक
कभी गम कभी मुझको तन्हाई मार देती है! तेरी तमन्नाओं को जुदाई मार देती है! मैं राहे-इंतजार में बैठा हुआ हूँ लेकिन, ऐतबार को तेरी…
तन्हाई
न जाने क्यों एक तन्हाई सी छा रही है, ज़िन्दगी एक कहानी सी बनती जा रही है। न जाने क्यों ये दिल खुद को अकेला…
Waah
Good