Categories: Other
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
तेरी कश्ती मेरी कश्ती
तेरी कश्ती मेरी कश्ती बस इतनी सी तो रवानी है हर ज़िन्दगी की कहानी है सब कागज की कश्ती है और ख़ुद को पार…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
वक्त हमारा है
हर ओर उम्मीदें हैं, हर ओर सहारा है। हम बदलेंगें दुनिया को, वक्त हमारा है।। थपेड़े सह लेगें, लहरों से लड़ लेंगे। समन्दर हमारा है,…
मुहब्बत नाम है मेरा
मैं मुस्कुराती हूँ, गुनगुनाती हूँ, कभी उत्साह में उड़ती कभी गम के कुंए में डूबती, फिर गोता लगाकर लौट आती, उतरती डूबती सी डूबती फिर…
वाह
Good