मुक्तक

तेरी बेवफाई से कहीं मैं बदल न जाऊँ?
इंतजार की ज्वाला से कहीं मैं जल न जाऊँ?
मुझे दर्द डराता है हर वक्त तन्हाई में,
सब्र के चट्टानों से कहीं मैं फिसल न जाऊँ?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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