मुक्तक

तेरी जुदाई से मैं हरपल डर रहा हूँ!
तेरी बेरुखी से मैं हरपल मर रहा हूँ!
कबसे भटक रहा हूँ मैं तेरे ख्यालों में,
शामें-मय़कशी तेरे नाम कर रहा हूँ!

मुक्तककार- #महादेव’

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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

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