महक

विक्स के इन्हेलर से ली हुई
एक लंबी श्वास,
ज्यों श्वासनली के बंध दरवाजे खोल देती है!
तुम्हारे पुराने कपड़ो में से आती महक,
दिल के उन बंध कमरो के ताले तोड़ कर,
तुम्हारी यादो को
आँखों से बहा देती है |

-Bhargav Patel (अनवरत)

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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

खालीपन

शब्द छलकते रहते है अनवरत आँखों से | और मैं उन्हें श्याही बना कर भरता रहता हूँ कोरे कागजो का खालीपन | -Bhargav Patel (अनवरत)

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