Categories: शेर-ओ-शायरी
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वो समुन्दर भी बहुत रोता है
वो समुन्दर भी बहुत रोता है समझ गया एक दिन समुन्दर,तू भी कितना रोता है, खारा है तू खुद में कितना , शायद इंसान से ज्यादा तू दिल ही दिल…
सीने में ज़ख्म गहरा दिखाई देता है
पानी आँखों में ठहरा दिखाई देता है सीने में ज़ख्म गहरा दिखाई देता है अजीब दर्द लिए फिर रहा हूँ सीने में पुराना है मगर…
मैं आंसू बटोर लाता हूं
सैकड़ों आंसू …. , यूं ही नहीं …. खज़ाने में मेरे , जब भी कोई रोता है , उसके आंसू बटोर लाता हूं . किसके…
दिखाई पड़ता है
तेरी आंखें में जैसे कोई नशा दिखाई पड़ता है तेरे होंठ में जैसे कोई मदिरा दिखाई पड़ता है ये तेरा धीरे धीरे पलकों को उठा…
जैसे रहता हो समुन्दर तन्हा, किनारों की तरह…….
पहली मोहोब्बत का तकाज़ा क्या करे हम वो मिला था हमको बहारों की तरह दीवानगी इस से बढ़ कर और क्या होगी हमने चाहा था…
Wah
सुन्दर
सुन्दर रचना